Maa Ka Aanchal

जिसकी गोदी में, सर रखकर सो जाऊ (2)
जिसके आंचल में, चुपके से रो पाऊं (2)
मैं रोता वो रोती, मैं हंसता वो हंसती
मेरे लिए रात और दिन, मीठे सपने बूनती
रब को नहीं देखा, बस मां को देखा है
माँ नसीब से मिलती, किताबों में लिखा है
जिसकी गोदी में………

वो लोरी संग थपकी, वो काजल का टीका
मेरे हाथों Pe , राजा बेटा लिखा
चलकर गिरना, गिरकर उठना, मां से ही सिखा
बलैया लेकर मेरी, नजर उतारी है
मेरे लिए जागकर, राते गुजारी है ,

जिसकी गोदी में, सर रखकर सो जाऊ (2)
जिसके आंचल में, चुपके से रो पाऊं (2)